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विज्ञान कक्षा -9 पाठ-2 "क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं?"

🖍️ विज्ञान कक्षा -9  पाठ-2  📝


📗✍️"क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं?"📒📒

🖋️शुद्ध पदार्थ, अशुद्ध पदार्थ, तत्व, तत्व के प्रकार, धातु तथा अधातु, यौगिक, यौगिक के प्रकार, कार्बनिक यौगिक, अकार्बनिक यौगिक, मिश्रण, मिश्रण के प्रकार,समांगी मिश्रण,विषमांगी मिश्रण,विलयन किसे कहते हैं, विलेय तथा विलायक, विलयन की सान्द्रता, निलंबन विलयन,कोलायडी विलयन। किसे कहते हैं?तो आइये आज की इस पोस्ट के माध्यम से इन सभी चीजों को बहुत ही सरल तरीके से अभी समझते हैं।

🌹हैलो दोस्तों, मैं हूं आपका दोस्त 👍Mr G.P. Sir आप सभी को हमारे ब्लोग में विजिट करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏आइए जानते हैं:-

"क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं?"

1-शुद्ध पदार्थ (Pure Substance)- वे पदार्थ जो एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बने होते हैं, उन्हें शुद्ध पदार्थ कहते हैं।

जैसे:- सोना,चांदी, चीनी आदि।

2-अशुद्ध पदार्थ (Unpure Substance)- वे पदार्थ जो दो या दो से अधिक प्रकार के पदार्थ के कणों से मिलकर बने होते हैं उन्हें अशुद्ध पदार्थ कहते हैं।

जैसे- पीतल,स्टील,शर्बत, रायता आदि।

3-तत्व(Element)- वे पदार्थ जिन्हें भौतिक या रासायनिक विधियों द्वारा दो या दो से अधिक भागों में विभाजित नहीं किया जा सकता है उसे तत्व कहते हैं।

जैसे- H,He,Li,Be,B,C,N,O,F,Ne,Na,Mg,Al, आदि।

तत्व को तीन भागों में विभाजित किया गया है-

१-धातु (Metal)

२-अधातु (Non-metal)

३-उपधातु (Metalloid)

(i)धातु (Metal)- वे तत्व जो इलेक्ट्रान त्याग कर धनायन बनाने की प्रवृत्ति रखते हैं, उन्हें धातु कहते हैं।।

जैसे-Na,Mg,Al,Zn,Sn,Pb,Hg आदि।

(ii) अधातु(Non-metal)- वे तत्व जो इलेक्ट्रान ग्रहण करके ऋणायन बनाने की प्रवृत्ति रखते हैं उन्हें अधातु कहते हैं।

जैसे- H,O,N,Br,I, आदि।

(iii) उपधातु (Metalloid)- वे तत्व जो कुछ विशेष परिस्थितियों में धातु तथा अधातु दोनों की तरह व्यवहार करते हैं, उन्हें उपधातु कहते हैं।

अर्थात्

"उपधातु ऐसै तत्व होते हैं जो कुछ विशेष परिस्थितियों में ग्रहण करके ऋणायन बनाते हैं तथा कभी कभी इलेक्ट्रान त्याग कर धनायन बनाते हैं।"

अतः "उपधातुओं में धातु तथा अधातु दोनों के गुण पाए जाते हैं।"

जैसे- B,As,Sb,Bi आदि।

नोट:- 

  • H एक ऐसा तत्व है जो धातु तथा अधातु दोनों की तरह व्यवहार करता है।यह एक अपवाद है, H के इस गुण को द्वैध प्रकृति कहते हैं।
  • Br एक अधातु है जो द्रव अवस्था में पायी जाती है।
  • Hg (ब्रोमीन) एक धातु है जो द्रव अवस्था में पायी जाती है।
  • डाक्टरों के थर्मामीटर में Hg (पारा) का प्रयोग किया जाता है

☑️4-यौगिक (Compound)- जब दो-या-दो से अधिक तत्व एक निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग करके एक नया पदार्थ बनाते हैं तो उसे यौगिक कहते है।

जैसे:- जल, चीनी, नौसादर फिटकरी, कार्बन डाई ऑक्साइड, ग्लूकोज आदि।

योगिक दो प्रकार का होता है:-

१- कार्बनिक यौगिक(Organic Compound)

२- अकार्बनिक यौगिक(Inorganic Compound)

१- कार्बनिक यौगिक

(OrganicCompound)- वे पदार्थ जो पेड़- पोधै तथा जीव जंतुओं से प्राप्त होते हैं उन्हें कार्बनिक यौगिक कहते हैं।

जैसे:- चीनी,तेल, घी, शहद आदि।

२- अकार्बनिक यौगिक (Inorganic Compound)- वे पदार्थ जो प्रथ्वी से प्राप्त होते हैं उन्हें अकार्बनिक यौगिक कहते हैं।

जैसे:- नमक, जल, पेट्रोल, डीजल, केरोसिन आदि।

☑️5-मिश्रण (Mixture)- दो या दो से अधिक पदार्थों को किसी भी अनुपात में मिलाने से जो नया पदार्थ बनता है उसे मिश्रण कहते हैं।

जैसे:- चीनी और बालू का मिश्रण, शर्बत यानि कि जल, चीनी, नमक, जलजीरा, पुदीना आदि का मिश्रण, ग्लूकोज और जल का मिश्रण आदि।

मिश्रण दो प्रकार का होता है:-

१- समांगी मिश्रण

२- विषमांगी मिश्रण

१-समांगी मिश्रण (Homogeneous Mixture)- ऐसा मिश्रण जिसमें पदार्थ के कणों को देखा नहीं जा सकता है, उसे समांगी मिश्रण कहते हैं।

अर्थात्

"ऐसा मिश्रण जिसमें पदार्थ के कणों में पूर्ण रूप से अन्तर स्पष्ट न किया जा सके उसे समांगी मिश्रण कहते हैं।।"

जैसे:- दूध और जल का मिश्रण, ग्लूकोज और जल का मिश्रण आदि।

२- विषमांगी मिश्रण (Heterogeneous Mixture)- ऐसा मिश्रण जिसमें पदार्थ के कणों को अलग अलग स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, उसे विषमांगी मिश्रण कहते हैं।। अर्थात्

ऐसा मिश्रण जिसमें पदार्थ के कणों में अन्तर स्पष्ट किया जा सके उसे विषमांगी मिश्रण कहते हैं।"

जैसे:- चीनी और बालू का मिश्रण,तेल और जल का मिश्रण, सीमेंट,बालू और गिट्टी का मिश्रण आदि।।

✔️6-विलयन (Solution)- दो या दो से अधिक पदार्थों के समांगी मिश्रण को विलयन कहते हैं।।

            विलयन = विलेय + विलायक

विलेय(Solute)- वे पदार्थ जो किसी पदार्थ में मिल या घुल जाते हैं, उन्हें विलेय कहते हैं।

दूसरे शब्दों में-

हम कह सकते हैं कि "वे पदार्थ जिनकी मात्रा विलयन में कम होती है उसे विलेय कहते हैं"

जैसे:- चीनी, नमक, ग्लूकोज आदि। 

विलायक(Salvent)- वे पदार्थ जो किसी अन्य पदार्थ को अपने में मिला लेते हैं, उन्हें विलायक कहते हैं।

दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि-

"वे पदार्थ जिनकी मात्रा विलयन में सर्वाधिक होती हैं उन्हें विलायक कहते हैं।"

7-विलयन की सान्द्रता (Concentration of Solution)- किसी विलयन में उपस्थित विलेय पदार्थ की मात्रा को विलयन की सांद्रता कहते हैं।

✅8-निलंबन विलयन (Suspension Solution)- ऐसा विलयन जिसमें जिसमें विलेय पदार्थ के कणों का आकार 10 की घाते -7 मी. की कोटि का होता है, उसे निलंबन विलयन कहते हैं।

अर्थात्

"ऐसा विलयन जिसमें विलेय पदार्थ के कण घुलते नहीं हैं बल्कि विलयन के मध्य में तैरते रहते हैं, उसे निलंबन विलयन कहते हैं। निलंबन एक विषमांगी मिश्रण होता है।।"

जैसे:- जल तथा चाॅक के चूर्ण का विलयन आदि।

9-कोलायडी विलयन (Colloidal Solution)- ऐसा विलयन जिसमें विलेय पदार्थ के कणों का आकार 10 की घाते -9 मी. से 10 की घाते -10 मी. की कोटि का होता है उसे कोलायडी विलयन कहते हैं।।

जैसे- कोहरे का बनना, जेली, गोंद आदि।।

नोट:- कोलायडी विलयन के कणों को देखा नहीं जा सकता है।।




उपरोक्त सभी परिभाषाओं को आप हमारी ये तीनों बीडियो देखकर और अच्छे से समझ सकते हैं!!

👌👌👌✍️ Please visit again, Thanks!🌹🌻

G.P.Sir Banda

 8090707715.

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